Mulnivasi Nayak APK
最新版本
1.8 for Windows
更新
2018年April18日
信息
版 1.8 (#9)
更新 2018年April18日
APK檔案大小 5.1 MB
Android 最低版本需求 Android 4.4+ (KitKat)
開發人員 Real Voice Media
類別 新聞與雜誌 (應用)
應用 ID info.apps.sub.the_news_app
開發者備註 MN is started to expose the exploitation and injustice by the brahminical forces
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Mulnivasi Nayak 1.8的新功能
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內容描述
‘जिस आंदोलन को अपना मुखपत्र नहीं होता, उस आंदोलन की स्थिती पंख काटे हुए पंछी की तरह होती है।’ -डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर.
ब्राम्हणों की गुलामी में जीवन यापन कर रहे मूलनिवासी बहुजन समाज को आज़ाद कराने के लिए शासकवर्ग के साथ हमें कडा संघर्ष करना होगा, जनआंदोलन खडा करना होगा। इस संघर्ष में जीत हासिल करने के लिए हमारे पास शासकवर्ग के शस्त्रों का मुकाबला करने वाले हथियार चाहिए, तभी हम उन्हें परास्त करना संभव होगा। आज की तारीख में शासकवर्ग के पास सभी प्रकार के प्रचार-प्रसार माध्यमों का एक बहोत बडा हथियार है। इस हथियार का मुकाबला करने के लिए हमारे पास भी प्रचार-प्रसार माध्यम का होना जरूरी है, इस बात को ध्यान में रखते हुए ‘दैनिक मूलनिवासी नायक’ इस अखबार का जन्म पूने में ता. 16 सितम्बर 2009 को हुआ। ब्राह्मण-बनिया मिडीया मूलनिवासी बहुजनों के इश्युज को दबा देते हैं और नाॅन इश्युज को इश्यु बनाते हैं इसलिए मूलनिवासी बहुजनों के मुद्दों को जनता में लाने के लिए हमने यह अखबार शुरू किया। इस अखबार के माध्यम से ब्राम्हणों के बहुजन विरोधी षडयंत्र और देश की सच्ची सामाजिक-राजनितिक परिस्थिती समाज के सामने उजागर करने का काम शुरू कर दिया गया। इस माध्यम से बहुजन समाज के हीत में और ब्राम्हणवाद के विरोध में जनमत बनाने का काम लगादार जारी है। यह अखबार शुरू होते ही प्रस्तापित मिडीया में खलबली मच गई अखबार को बंद कराने के लिए धमकियां दी गई इतनाही नहीं हमला तक किया गया। इससे ये साबित होता है की इस अखबार का प्रभाव क्षेत्र कितना था।
दै. मूलनिवासी नायक मराठी संस्करण के बाद हिंदी संस्करण सन 2011 को उत्तर प्रदेश लखनऊ से शरू किया गया और उसके बाद गुजराती संस्करण अहमदाबाद, गुजरात से शुरू किया गया। ब्राह्मण-बनिया लोगों कि तरह विज्ञापन के सहारे यह अखबार नहीं चला बल्कि बिना विज्ञापन का जनता के सहयोग से यह अखबार चला।
अब सबसे ज्यादा advance मिडीया के तौर पर सोशल मिडीया को मान्यता मिली है। लोग अब अखबारो मेें खबरें पढने के साथ-साथ वेबसाईट और मोबाईल एप पर ज्यादा समय बिताते है। इसलिए अखबार का दायरा बढाते हुए प्रिंट के साथ हम वेबसाईट और मोबाईल अॅप शुरू कर रहे है। आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर देश और दुनिया में घटीत घटनाओं की अपडेट जानकारी ले सकते हैं। इस क्रांतिकारी बदलाव का उपयोग हम भारत के बहुजन समाज को ब्राह्मणी व्यवस्था को समझाने और ब्राह्मणी षडयंत्रो से अवगत कराने के लिए करेंगे। साथ ही जो लोग महापुरूषों के त्याग और समर्पण की वजह से विदेशों में जाने में कामयाब हुए है उनको भारत की असलियत बयां करने के लिए यह अखबार अब वेबसाईट और मोबाईल एप पर भी उपलबध है।
ब्राम्हणों की गुलामी में जीवन यापन कर रहे मूलनिवासी बहुजन समाज को आज़ाद कराने के लिए शासकवर्ग के साथ हमें कडा संघर्ष करना होगा, जनआंदोलन खडा करना होगा। इस संघर्ष में जीत हासिल करने के लिए हमारे पास शासकवर्ग के शस्त्रों का मुकाबला करने वाले हथियार चाहिए, तभी हम उन्हें परास्त करना संभव होगा। आज की तारीख में शासकवर्ग के पास सभी प्रकार के प्रचार-प्रसार माध्यमों का एक बहोत बडा हथियार है। इस हथियार का मुकाबला करने के लिए हमारे पास भी प्रचार-प्रसार माध्यम का होना जरूरी है, इस बात को ध्यान में रखते हुए ‘दैनिक मूलनिवासी नायक’ इस अखबार का जन्म पूने में ता. 16 सितम्बर 2009 को हुआ। ब्राह्मण-बनिया मिडीया मूलनिवासी बहुजनों के इश्युज को दबा देते हैं और नाॅन इश्युज को इश्यु बनाते हैं इसलिए मूलनिवासी बहुजनों के मुद्दों को जनता में लाने के लिए हमने यह अखबार शुरू किया। इस अखबार के माध्यम से ब्राम्हणों के बहुजन विरोधी षडयंत्र और देश की सच्ची सामाजिक-राजनितिक परिस्थिती समाज के सामने उजागर करने का काम शुरू कर दिया गया। इस माध्यम से बहुजन समाज के हीत में और ब्राम्हणवाद के विरोध में जनमत बनाने का काम लगादार जारी है। यह अखबार शुरू होते ही प्रस्तापित मिडीया में खलबली मच गई अखबार को बंद कराने के लिए धमकियां दी गई इतनाही नहीं हमला तक किया गया। इससे ये साबित होता है की इस अखबार का प्रभाव क्षेत्र कितना था।
दै. मूलनिवासी नायक मराठी संस्करण के बाद हिंदी संस्करण सन 2011 को उत्तर प्रदेश लखनऊ से शरू किया गया और उसके बाद गुजराती संस्करण अहमदाबाद, गुजरात से शुरू किया गया। ब्राह्मण-बनिया लोगों कि तरह विज्ञापन के सहारे यह अखबार नहीं चला बल्कि बिना विज्ञापन का जनता के सहयोग से यह अखबार चला।
अब सबसे ज्यादा advance मिडीया के तौर पर सोशल मिडीया को मान्यता मिली है। लोग अब अखबारो मेें खबरें पढने के साथ-साथ वेबसाईट और मोबाईल एप पर ज्यादा समय बिताते है। इसलिए अखबार का दायरा बढाते हुए प्रिंट के साथ हम वेबसाईट और मोबाईल अॅप शुरू कर रहे है। आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर देश और दुनिया में घटीत घटनाओं की अपडेट जानकारी ले सकते हैं। इस क्रांतिकारी बदलाव का उपयोग हम भारत के बहुजन समाज को ब्राह्मणी व्यवस्था को समझाने और ब्राह्मणी षडयंत्रो से अवगत कराने के लिए करेंगे। साथ ही जो लोग महापुरूषों के त्याग और समर्पण की वजह से विदेशों में जाने में कामयाब हुए है उनको भारत की असलियत बयां करने के लिए यह अखबार अब वेबसाईट और मोबाईल एप पर भी उपलबध है।
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