Bapu Ka Sahitya APK
Последняя версия
1.4 для Windows
Обновлено
03 June 2020 г.
Информация
Версия
1.4 (#5)
Обновлено
03 June 2020 г.
Размер APK
22.8 MB
Требуемая версия Android
Android 4.2+ (Jelly Bean)
Продавец
Quest Global Technologies LTD.
Категории
Бесплатные Книги и справочники Приложения
Приложения id
com.questglt.bapukasahitya
Записка автора
Бапу Ка Сахитя
Снимки экрана
Нажмите на изображение, чтобы увидеть полный размер
Последние обновления
Что нового на Bapu Ka Sahitya 1.4
Add Sharing Option and Download Option on App
Описание
गुरूदेव बापूजी (श्री प्रभाकर केशवराव मोतीवाले) का जन्म दिनांक 28 जुलाई 1947 श्रावण शुक्ल एकादशी के दिन इन्दौर, मध्यप्रदेश में हुआ. बाल्यावस्था से ही गुरूदेव दैविक गुणों से सम्पन्न होकर सबके आकर्षण का केन्द्र केन्द्र. माता (श्रीमती सुलोचनाबाई) पिता (श्री केशवराव मोतीवाले) चार बहने एवं एक भाई के भरे भरे परिवार में रहते रहते अपने अपने दायित्वों भली हुए ही कठिन साधना की ओर प्रवृत्त प्रवृत्त हुए. उन्हें आदिगुरू दत्तात्रय का इष्ट था. सूक्ष्म जगत की दिव्यात्माओं द्वारा गुरूदेव को सतत् मार्गदर्शन प्राप्त होता होता. मुद्रायोग में सिद्ध गुरूदेव ने खेचरी मुद्रा योग का मार्ग प्रशस्त कर लुप्तप्राय यौगिक क्रियाओं क्रियाओं बढ़ाया बढ़ाया की. आप अत्यंत अत्यंत सरल-सहज तथा सौम्य स्वभाव वाले थे. गुरूदेव परमात्म्यशक्ति से परिपूर्ण होते हुए भी अहंकार रहित रहे. आप अध्यात्म-शास्त्र के सभी योग यथा कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञान योग, ध्यान योग, क्रियाशक्तियोग आदि में पारंगत रहे. इन अलग-अलग विधाओं द्वारा उस परम तत्व तक पहुँचना ये आपके समान अधिकारी पुरूष द्वारा द्वारा संभव संभव. आपके द्वारा ध्यानस्थ अवस्था में उत्कृष्ठ आध्यात्मिक साहित्य का सजृन हुआ हुआ. उनका सभी के प्रति आत्मीयतापूर्ण व्यवहार उनकी विशेषता रही. उनके संपर्क में आने वाले सभी साधक साधक शिष्यों के के संस्कारनाश समय समय (देह त्याग) तक सक्रिय एवं प्रतिबद्ध रहे. अपने संपूर्ण जीवनकाल में उन्होंने तिरस्कृत-बहिष्कृत चेतनाओं के उत्थान हेतु अथक परिश्रम परिश्रम. देह के जीवन के अंतिम क्षण तक वे क्रियाशील रहे एवं सभी को निष्काम कर्म का का संदेश देकर. उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य पूर्ण कर दिनांक 15 जनवरी 2015 कृष्णपक्ष, दशमि, मकर संक्रांति को ब्रम्ह मूहूर्त में हरिद्वार में अपने पंचभूतात्मक का त्याग कर उन्होने संजीवन समाधि समाधि ली. वे देह से कभी भी बाधित नहीं रहे अतः गुरूदेव की उपस्थिति आज भी हमारे समक्ष समक्ष प्रकट रूप में.
गुरूदेव बापूजी द्वारा रचित साहित्य प्रसाद इस APP में प्रस्तुत किया गया हैं.
Оценки и отзывы
Рейтинг: 5.0 из 5 · Less than 100 голоса
(*) требуется
Предыдущие версии
Bapu Ka Sahitya 1.4 APK для Windows (#5, 22.8 MB)